विनम्रता न छोड़िए, न दीनता दिखाइए, उदारता -क्षमा-दया, आचरण में लाइए। विनम्रता न छोड़िए, न दीनता दिखाइए, उदारता -क्षमा-दया, आचरण में लाइए।
तभी ये स्वजन तेरे होंगे, ये इतिहास का स्वर्ण गान तेरा होगा। तभी ये स्वजन तेरे होंगे, ये इतिहास का स्वर्ण गान तेरा होगा।
हाँ, मैं कहती हूं सब स्वार्थ है ! हाँ, मैं कहती हूं सब स्वार्थ है !
स्वार्थ का करो त्याग तुम जलाओ परोपकार के दिये स्वार्थ का करो त्याग तुम जलाओ परोपकार के दिये
जब कोई अवांछित स्थिति हो, तब उसकी अस्वीकरण का भाव है क्रोध। जब कोई अवांछित स्थिति हो, तब उसकी अस्वीकरण का भाव है क्रोध।